ChhattisgarhHindi news

शारदीय नवरात्र का समापन : मां बम्लेश्वरी धाम में भव्य 901 ज्योति कलश विसर्जन, रेलवे ने ट्रेनों का संचालन रोका

छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी धाम में शारदीय नवरात्र के समापन के अवसर पर भव्य ज्योत कलश विसर्जन का आयोजन हुआ। इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हर साल की तरह इस बार भी मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलमार्ग पर गुजरने वाली ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोका गया, ताकि कलश विसर्जन में शामिल माताएं आसानी से रेलवे पटरी पार कर सकें।http://www.cgglobal.news

901 ज्योति कलशों का विसर्जन:

इस वर्ष मां बम्लेश्वरी मंदिर से निकली शोभायात्रा में कुल 901 ज्योत कलशों को महावीर तालाब में विसर्जित किया गया। देर शाम माताएं अपने सिर पर ज्योत कलश रखकर इस धार्मिक यात्रा में शामिल हुईं। खास बात यह रही कि जब महिलाएं सिर पर ज्योत लेकर मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग की पटरियों को पार करती हैं, तो रेलवे प्रशासन ट्रेनों का संचालन रोक देता है। यह दृश्य केवल एक परंपरा ही नहीं, बल्कि आस्था की उस अद्भुत शक्ति को दर्शाता है जिसके आगे सब कुछ थम जाता है।http://www.cgglobal.news

प्राचीन परंपरा से जुड़ी आस्था

मां बम्लेश्वरी धाम में मनोकामना ज्योत की परंपरा कई सदियों पुरानी है। मान्यता है कि मां बम्लेश्वरी की महिमा से प्रेरित होकर एक राजा ने इस मंदिर की स्थापना की थी। तब से ही यहाँ ज्योत प्रज्वलन और विसर्जन की यह धार्मिक परंपरा निरंतर जारी है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस परंपरा में भाग लेकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।

मां शीतला मंदिर से ज्योत का मिलन

कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण और मनमोहक पल तब आता है जब मां बम्लेश्वरी धाम की प्रज्वलित ज्योत का संगम मां शीतला मंदिर की ज्योत से होता है। इस अनोखे धार्मिक दृश्य को देखने के लिए आसपास के गांवों और जिलों से हजारों श्रद्धालु विशेष रूप से डोंगरगढ़ पहुंचते हैं। यह संगम आस्था और परंपरा का ऐसा अनुपम दृश्य प्रस्तुत करता है जिसे देखकर हर भक्त मंत्रमुग्ध हो उठता है।

Related Articles

Back to top button