छत्तीसगढ़ में लागू हुआ नया कानून: पांच डिसमिल से कम कृषि जमीन की रजिस्ट्री पर लगी रोक

छत्तीसगढ़ सरकार ने पांच डिसमिल (लगभग 2200 वर्गफीट) से कम क्षेत्रफल वाली कृषि भूमि की रजिस्ट्री पर सख्त पाबंदी लगा दी है। यह कानून राज्य विधानसभा में जुलाई में पारित विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया गया है। इस कदम से अवैध प्लाटिंग और भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटवारे की समस्या पर नियंत्रण करने की उम्मीद है।
भू-राजस्व संहिता में महत्वपूर्ण संशोधन
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2025 के अंतर्गत यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में कृषि भूमि का ऐसा उपखंड नहीं बनाया जाएगा जिसका क्षेत्रफल 0.05 हेक्टेयर (पांच डिसमिल) से कम हो। इसके अलावा इस अधिनियम में भूमि के सीमांकन और बटवारे से संबंधित विवादों को समाप्त करने के लिए भी आवश्यक बदलाव किए गए हैं।
अवैध प्लाटिंग पर रोक के लिए बड़ा कदम
सरकार ने बताया है कि इस कानून से अवैध प्लाटिंग पर लगाम लगेगी, क्योंकि पूर्व में छोटे-छोटे टुकड़ों में भूमि को बांटकर कालोनियों का निर्माण तेजी से बढ़ा था। खासकर सड़कों के किनारे की कृषि भूमि को छोटे हिस्सों में बांटकर गैरकानूनी तरीके से रजिस्ट्री कराई जा रही थी। अब 2200 वर्गफीट से कम क्षेत्र वाली भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी, जिससे इस प्रक्रिया को रोकने में मदद मिलेगी।http://www.cgglobal.news
शहरी इलाकों में नियम लागू नहीं होगा
यह नियम केवल ग्रामीण क्षेत्रों पर ही लागू होगा। शहरी क्षेत्रों में पांच डिसमिल से कम भूमि की रजिस्ट्री पर रोक नहीं लगेगी, क्योंकि शहरों के आसपास कृषि भूमि लगभग समाप्त हो चुकी है। शहरों में व्यावसायिक और आवासीय उपयोग के लिए डायवर्ट की गई भूमि पर छोटे प्लाट की रजिस्ट्री की अनुमति दी जाएगी।