गरीबों के मुंह से निवाला छीन रहे थे अधिकारी, राशन दुकानों में 65 लाख का घोटाला, आगे क्या..?

अंबिकापुर: सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के अंतर्गत अंबिकापुर शहर में संचालित तीन शासकीय उचित मूल्य राशन दुकानों में लगभग 65 लाख रुपये के खाद्यान्न घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति घुटरापारा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिकायत खाद्य निरीक्षक शिव कुमार मिश्रा द्वारा की गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
लगातार मिल रही थीं गड़बड़ी की शिकायतें
यह समिति अंबिकापुर के तीन अलग-अलग राशन दुकानों का संचालन कर रही थी, जिनके खिलाफ लगातार खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही थीं। समिति अध्यक्ष पवन सिंह, उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव इन दुकानों के संचालन में शामिल थे।
कलेक्टर की जांच में हुआ खुलासा
Ambikapur News: शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान ने मामले की जांच करवाई। जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ — गरीबों के हक का राशन खुले बाजार में बेचकर आरोपियों ने भारी अवैध कमाई की। जांच में स्पष्ट हुआ कि बड़ी मात्रा में चावल, शक्कर और चना का गबन किया गया।
जानिए कितना हुआ गबन:
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चावल – 1631.29 क्विंटल (₹61,62,267.96)
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शक्कर – 10.43 क्विंटल (₹49,160.62)
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चना – 48.34 क्विंटल (₹2,92,692.09)
➡ कुल गबन राशि: ₹64,94,120.67
आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराएं
पुलिस ने सभी 6 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और जल्द ही कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
प्रशासन की सख्ती
जिले में खाद्यान्न वितरण प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन अब अन्य राशन दुकानों की भी गहन जांच कराने की तैयारी में है। कलेक्टर ने दोहराया है कि गरीबों के हक पर डाका डालने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।



