महिला आयोग की सुनवाई का बहिष्कार किया सदस्यों ने, अध्यक्ष किरणमयी के खिलाफ खोला मोर्चा

रायपुर। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य बनीं लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया और दीपिका सोरी ने आयोग की अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मुद्दे पर प्रेसवार्ता कर सदस्यों ने अध्यक्ष किरणमयी नायक और उनके सचिव अभय सोनवानी पर गंभीर आरोप लगाया।
‘अध्यक्ष अकेले ही लेती हैं अंतिम निर्णय’
तीनों सदस्यों ने कहा कि महिला आयोग में काम नियम से नहीं हो रहा है। आयोग में जिस तरीके से काम हो रहा है वह सही नहीं है, क्योंकि हममें से कोई भी सदस्य को सुनवाई में शामिल नहीं किया जाता है। अध्यक्ष ही अंतिम निर्णय अकेली लेती हैं। नियम से पूरा निर्णय दो सदस्यों के बीच लिया जाना चाहिए।
मामले को ले जाएंगे कोर्ट में’
सदस्यों ने कहा कि वे इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे, इस पूरे मामले की जानकारी विधि विभाग को देंगे। मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात कर जानकारी देंगे।
अनधिकृत लोग शामिल होते हैं सुनवाई में
आयोग की सदस्य लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया और दीपिका सोरी ने कहा, महिला आयोग में हमारी नियुक्ति 2 महीने पहले हुई है। महिलाएं यहां अपनी समस्या लेकर आती हैं। अध्यक्ष संभाग में सुनवाई करने जाती हैं और हमें सूचित नहीं किया जाता है। अकेली सुनवाई करने जाती हैं। लक्ष्मी वर्मा ने कहा, सुनवाई में अनधिकृत लोग शामिल होते हैं। आयोग में उनके पति सहित दो वकील शामिल होते हैं। इस मामले में कई बार हमने उनको मौखिक रूप से आगाह किया है। एक सुनवाई में उनके श्रीमान बैठे थे।
‘तटस्थ हुए आयोग के सचिव’
सरला कोसरिया ने कहा, हम जब सचिव से सवाल करते हैं तो वो बिना जवाब दिए चले जाते हैं। हमने आय व्यय की जानकारी मांगी है। अध्यक्ष भ्रष्टाचार में लिप्त हैं या महिला आयोग को अपना अधिकार समझती हैं। संभाग की प्रभारी लक्ष्मी वर्मा है तो उनसे अनुमति या जानकारी लेना चाहिए। आज हमने सुनवाई का बहिष्कार किया है।
चेंबर में लगी तस्वीरों पर आपत्ति
महिला आयोग अध्यक्ष के चेंबर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और भूपेश बघेल की फोटो लगी है। इस मामले में आयोग की सदस्यों ने कहा, क्या इन लोगों की फोटो वहां रहनी चाहिए? वहां पर सीएम और राज्यपाल का फोटो लगा होना चाहिए।



