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SIR in Chhattisgarh: इन्हें नहीं दिखाना होगा किसी तरह का दस्तावेज, माने जायेंगे वैद्य मतदाता.. जानें SIR की पूरी प्रक्रिया

 रायपुरः छत्तीसगढ़ समेत 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। 4 नवंबर यानी आज से से बीएलओ घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। अगर आपका नाम 2003 के एसआईआर सूची में है तो आपको कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। आपका नाम नए मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा।

इन राज्यों में शुरू होगी SIR प्रक्रिया

जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) किया जाएगा, उनमें अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

किन लोगों को देना होगा कागज?

SIR in Chhattisgarh: मान लीजिए आप तब 18 साल की नहीं हुए थे या आप किसी दूसरे जिले या किसी दूसरे राज्य में निवास करते थे, जिसके चलते 2003 की सूची में आपका नाम नहीं आ पाया तब भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है। 2003 के लिस्ट में देश के किसी भी राज्य में आपका या आपके माता-पिता का नाम था, तब भी आपको कोई दस्तावेज देना नहीं पड़ेगा, लेकिन 2003 की लिस्ट में ना आपका और ना ही आपके माता-पिता का नाम है तो फिर आपको अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी।

स्वतः पात्र माने जाएंगे ये लोगSIR in Chhattisgarh: SIR के लिए हर नागरिक को डॉक्यूमेंट्स जमा करने की जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, केवल उन्हीं लोगों को अपने दस्तावेज़ देने होंगे जिनका नाम अभी तक मतदाता सूची में शामिल नहीं है। सिर्फ उन ही लोगों को कागज देना होगा जिस लोगों का लिंक BLO नहीं कर पाएगा।

दरअसल, सबसे पहले BLO हर मतदाता को उसके घर पर यूनीक इनूमेरेशन फॉर्म (Enumeration Forms) देने जाएंगे। इस फॉर्म में मतदाता की हर डिटेल होगी. उसके बाद जिनका भी नाम है, उन्हें ये देखना होगा कि उनका नाम 2003 की लिस्ट में था तो उन्हें कोई कागज नहीं देना होगा। अगर उनके माता-पिता का नाम भी उसमें था तो उन्हें कोई कागज नहीं देना होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों के नाम पहले से ही मतदाता सूची में शामिल हैं। उन्हें किसी भी तरह का नया दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसका मतलब है कि, जिनका नाम पुराने या मौजूदा SIR मतदाता सूची में दर्ज है, वे स्वतः पात्र माने जाएंगे।

इलेक्शन कमीशन ने जारी की 13 प्रकार के दस्तावेज की लिस्ट

SIR in Chhattisgarh: वहीं इलेक्शन कमीशन ने 13 प्रकार के दस्तावेज की लिस्ट जारी की है, जिसको दिखाने के बाद ही आपको नए मतदाता सूची में जगह मिल पाएगी। एक महीने तक घर-घर सर्वे होगा। उसके बाद एक महीने तक दावा आपत्ति पर सुनवाई होगी और इसके बाद फाइनल लिस्ट जारी हो सकेगा। अगर एसआईआर प्रक्रिया में आपका नाम कट जाता है तो पहले कलेक्टर के पास और फिर मुख्य निर्वाचन कार्यालय में आप अपील कर सकते हैं।

SIR in Chhattisgarh: SIR के लिए ये दस्तावेज जरूरी

केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर्स को जारी कोई भी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।
सरकारी या स्थानीय प्राधिकरणों, बैंकों, डाकघरों, एलआईसी या पीएसयू द्वारा 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र या प्रमाणपत्र।
जन्म प्रमाणपत्र जो किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी हो।
पासपोर्ट।
मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाणपत्र जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया हो।
स्थायी निवास प्रमाणपत्र जो राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो।
वन अधिकार प्रमाणपत्र
जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST) जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया हो।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से संबंधित प्रमाणपत्र (जहां यह लागू है)।
फैमिली रजिस्टर, जो राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया हो।
भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र, जो सरकार द्वारा जारी किया गया हो।
आधार कार्ड से जुड़ी आयोग की दिशा-निर्देश पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025 के अनुसार लागू होंगे।

क्या है SIR?

SIR in Chhattisgarh: एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन। देश में 1951 से 2004 के बीच यह आठ बार हुआ। अंतिम बार यह 2004 में किया गया था। अब 21 साल बाद यह किया जा रहा है। जबकि यह करीब सात साल बाद होना चाहिए। यह वोटर लिस्ट को माइक्रो लेवल पर शुद्ध करने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में ऐसे वोटरों की पहचान कर उनके नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए जाते हैं। जिनकी मृत्यु हो गई है, जो परमानेंट शिफ्ट हो गए हैं, एक ही राज्य में एक से अधिक वोटर कार्ड बनवा रखे हैं, घुसपैठियों ने वोटर कार्ड बनवा लिए, लापता वोटर और ऐसे कुछ विदेशी वोटर जिनके नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गए। इन सभी को एसआईआर प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से बाहर किया जाता है।

क्यों पड़ी SIR की जरूरत ?

SIR in Chhattisgarh: चूंकि देश में लंबे समय से एसआईआर प्रक्रिया नहीं हुई थी। ऐसे में राज्यों की वोटर लिस्ट को शुद्ध करना बेहद जरूरी था। इसी वजह से मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर शुरू करने का यह बीड़ा उठाया। जिसके तहत पहले चरण में बिहार में एसआईआर का काम पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण में यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा कर दी गई है। तीसरे चरण में बाकी बचे राज्यों में इसे शुरू किया जाएगा।

 

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

प्रश्न 1:  एसआईआर (SIR) क्या है?

उत्तर:  एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन — यह एक विशेष प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची की शुद्धता की जांच की जाती है और पुराने, गलत या फर्जी नाम हटाए जाते हैं।

प्रश्न 2:  SIR प्रक्रिया में BLO की भूमिका क्या होगी?

उत्तर:  BLO हर मतदाता को उसके घर पर यूनीक इनूमेरेशन फॉर्म देने जाएंगे।

प्रश्न 3:  अगर आपका नाम 2003 की सूची में नहीं है तो क्या करना होगा?

उत्तर:  2003 की लिस्ट में ना आपका और ना ही आपके माता-पिता का नाम है तो फिर आपको अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी

प्रश्न 4:  SIR प्रक्रिया से वोटर लिस्ट को क्या फायदा होगा?

उत्तर:  देश में लंबे समय से एसआईआर प्रक्रिया नहीं हुई थी। ऐसे में राज्यों की वोटर लिस्ट को शुद्ध करना बेहद जरूरी था।

प्रश्न 5:  अगर SIR में नाम कट जाए तो क्या करें?

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