CG News : कृषि विभाग के उप संचालक पर महिला अधिकारी ने लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप, कलेक्टर ने जांच के दिए निर्देश

जांजगीर-चांपा। जिले में कृषि विभाग के उप संचालक ललित मोहन भगत पर विभाग की एक महिला कृषि विस्तार अधिकारी ने मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। महिला अधिकारी ने इस संबंध में कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा के अकलतरा विकासखंड में पदस्थ महिला आरईओ ने कृषि उप संचालक ललित मोहन भगत पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए बताया कि अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर मनमानी करते उसका वेतन रोक दिया जाता है और कारण पूछने पर अपने शासकीय आवास में बुलाया जाता है। जिससे तंग आकर उसने कृषि विभाग के डायरेक्टर और महिला आयोग में पूरे मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद उप संचालक ललित मोहन भगत ने प्रताड़ना और भी ज्यादा शुरू कर दी और उसके खिलाफ गलत तरीके से विभागीय ग्रुप में बदनाम करने का आरोप लगाया है और कलेक्टर से इस प्रकरण की जांच करने की मांग की है।

कृषि विभाग में कार्यरत महिला कृषि विस्तार अधिकारी ने कलेक्टर से मिलकर बताया कि उनके पिता का निधन हो गया है और बीमार मां की देखभाल वही करती हैं। इसी कारण तत्कालीन कृषि उप संचालक ने बलौदा ब्लॉक से अकलतरा ब्लॉक में प्रतिनियुक्ति दी थी और ज्वाइनिंग के लिए डायरेक्टर ऑफिस से भी सहमति ली गई थी। लेकिन वर्तमान उप संचालक ने उनकी प्रतिनियुक्ति को ही गलत ठहराते हुए बलौदा ब्लॉक में ज्वाइन करने का दबाव बनाया। जब इस मामले में बात करने गईं तो उन्हें अकेले मिलने के लिए अपने शासकीय निवास पर बुलाया गया और उनका वेतन भी रोक दिया गया। इसकी शिकायत कलेक्टर से करने पर कलेक्टर के निर्देश पर वेतन तो दे दिया गया, लेकिन प्रताड़ना कम नहीं हुई।
कृषि विभाग के उप संचालक के खिलाफ मिली शिकायत को कलेक्टर जनमेजय महोबे ने गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि मामला गंभीर है और महिला कर्मचारी की शिकायत पर महिला अधिकारियों की जांच टीम बनाकर जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
महिला अधिकारी ने अपने विभाग के अधिकारी की प्रताड़ना के खिलाफ अकेले ही मोर्चा खोल दिया है। महिला आरईओ ने अपने ऊपर हुई प्रताड़ना की जानकारी संगठन के लोगों को भी दी और मदद की गुहार लगाई, लेकिन संगठन के पदाधिकारियों ने भी उप संचालक की पहुंच के आगे अपने संगठन को नहीं ला पाने की बात कहते हुए सहयोग करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद महिला आरईओ ने अपने ऊपर हुई प्रताड़ना के खिलाफ अकेले ही उतरने और दोषियों को बेनकाब करने का मन बना लिया है।



